मज़ाक करने से मज़ाक बनते नहीं यह तो सोच-ए-हकीकत है!! मुस्कुराहट बिखेरना किसी के होठों पे ख़ुदा-ए-बरकत है!! मग़र रखना ख़याल कि मज़ाक़.........! मज़ाक़-ए-सीमा तक हो!! ©Deepak Bisht #मज़ाक़-ए-मुस्कुराहट