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चौरी-चौरा कांड ( अविस्म्यी घटना ) आओ सुनाऊं! तुम्ह

चौरी-चौरा कांड ( अविस्म्यी घटना )
आओ सुनाऊं! तुम्हे एक दौर की ऐसी घटना
चल रहा था आंदोलन असहयोग- था उद्देश्य जिसका नहीं है लड़ना ।।
ये बात है कुछ सन १९२२ फ़रवरी चार की
चौरी चौरा नामक ग्राम के अविस्म्यी मृत्यू २३ थानेदार की ।।
गांधीवाद के चलते सत्याग्रही थे तय्यार जुलूस निकालने को
रख रहे थे चाह थाने में क़ैद सहकर्मियों को स्वतंत्र कराने की
नहीं दी इजाज़त थानेदारों ने, समझकर फिजूल लश्कर के  प्रयत्नों को ।।
क्रोधित हुआ जुलूस तब भीड़ बढ़ी अत्यंत अपार
होने लगी थानेदारों पर ईंटे-पत्थर की बौछार ।।
थानेदारों ने कर दी तब खुली गोलीबारी की बरसात
आज़ादी पाने के इंतज़ार के समय की अवधी लंबी होने की हो गई थी शुरुआत ।।
पड़ी टूट थाने पर अनगिनत संख्या प्रदर्शनकारियों की
और हुई मौत ३ विध्वंसकारिययों की ।।
चोट खाए बैठे पहले से ही अब और हो गया घात
समझ गए थे क्रांतिकारी इस तरह तो नहीं बनेगी बात ,
तब लगाई आग थाने में अब न दिखे दूसरा मार्ग ।।
किये प्रयास थानेदारों ने बच भाग निकलने के हज़ार
एक-एक को झोंका अग्नि की प्रचंड लपटों में किया था अविस्म्यी प्रहार ।।
पता चला जब बापू को चौरी चौरा का यह कांड
बन्द हुआ कुछ सन १९२२ फ़रवरी १२ को असहयोग अभियान ।।
अंत हुआ कुछ ऐसे___मिली सज़ा उन सबको जैसे किये थे पाप
लहू की एक-एक बूंद का देना पड़ा था हिसाब ।।
चलिए अब आपको एक और बात बताऊं!!!  इतिहास की_
किया था गोरखपुर लोगों ने चौरी चौरा स्मारक समिति का गठन सन उन्नीस सौ इकहत्तर में
तब हुआ जन्म १२.२ मीटर ऊंची एक मीनार गोरखपुर समिति द्वारा सन उन्नीस सौ तिहत्तर में ।।
रखी थी बतौर प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने नींव जिसकी
वहीं किया था बतौर प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव ने शिलात्व उसकी ।।

 
_आकृति मिश्रा चौरी चौरा कांड 

#Gandhi
चौरी-चौरा कांड ( अविस्म्यी घटना )
आओ सुनाऊं! तुम्हे एक दौर की ऐसी घटना
चल रहा था आंदोलन असहयोग- था उद्देश्य जिसका नहीं है लड़ना ।।
ये बात है कुछ सन १९२२ फ़रवरी चार की
चौरी चौरा नामक ग्राम के अविस्म्यी मृत्यू २३ थानेदार की ।।
गांधीवाद के चलते सत्याग्रही थे तय्यार जुलूस निकालने को
रख रहे थे चाह थाने में क़ैद सहकर्मियों को स्वतंत्र कराने की
नहीं दी इजाज़त थानेदारों ने, समझकर फिजूल लश्कर के  प्रयत्नों को ।।
क्रोधित हुआ जुलूस तब भीड़ बढ़ी अत्यंत अपार
होने लगी थानेदारों पर ईंटे-पत्थर की बौछार ।।
थानेदारों ने कर दी तब खुली गोलीबारी की बरसात
आज़ादी पाने के इंतज़ार के समय की अवधी लंबी होने की हो गई थी शुरुआत ।।
पड़ी टूट थाने पर अनगिनत संख्या प्रदर्शनकारियों की
और हुई मौत ३ विध्वंसकारिययों की ।।
चोट खाए बैठे पहले से ही अब और हो गया घात
समझ गए थे क्रांतिकारी इस तरह तो नहीं बनेगी बात ,
तब लगाई आग थाने में अब न दिखे दूसरा मार्ग ।।
किये प्रयास थानेदारों ने बच भाग निकलने के हज़ार
एक-एक को झोंका अग्नि की प्रचंड लपटों में किया था अविस्म्यी प्रहार ।।
पता चला जब बापू को चौरी चौरा का यह कांड
बन्द हुआ कुछ सन १९२२ फ़रवरी १२ को असहयोग अभियान ।।
अंत हुआ कुछ ऐसे___मिली सज़ा उन सबको जैसे किये थे पाप
लहू की एक-एक बूंद का देना पड़ा था हिसाब ।।
चलिए अब आपको एक और बात बताऊं!!!  इतिहास की_
किया था गोरखपुर लोगों ने चौरी चौरा स्मारक समिति का गठन सन उन्नीस सौ इकहत्तर में
तब हुआ जन्म १२.२ मीटर ऊंची एक मीनार गोरखपुर समिति द्वारा सन उन्नीस सौ तिहत्तर में ।।
रखी थी बतौर प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने नींव जिसकी
वहीं किया था बतौर प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव ने शिलात्व उसकी ।।

 
_आकृति मिश्रा चौरी चौरा कांड 

#Gandhi

चौरी चौरा कांड #Gandhi