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जिस क्षण हमें अनुभूति हो जाये कि हम ज्ञानी हो रहे

जिस क्षण हमें अनुभूति हो जाये कि हम ज्ञानी हो रहे है या हो चुके है हम उसी क्षण अज्ञानता की पराकाष्ठा पर विराजमान होते है !! मने कह रहे है
जिस क्षण हमें अनुभूति हो जाये कि हम ज्ञानी हो रहे है या हो चुके है हम उसी क्षण अज्ञानता की पराकाष्ठा पर विराजमान होते है !! मने कह रहे है