ये बार है आखिर कैसा दिल पर, ना कहीं चैन है और ना ख़ुशियांँ है बदला-बदला सा तो हर एक नज़ारा है, बेमतलब और दिखावे की ये बस दुनिया है बार- बोझ 🎀 Challenge-350 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 30 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।