शिक्षक गुरु ब्रह्म गुरु विष्णु ये आप ने समझाया जिसने मानी बात गुरु की उसका परिचम लहराया ग़ज़ब तरीका था उनका जो कठिन को भी सरल किया धैर्य, नैतिकता और जिम्मेदारी ,देश प्रेम का ग्यान दिया सुना व अमल किया जिसने भी आज वहीं इंसान है अब तक याद है बातें,जो जीना जीवन आसान किया मेरे जैसे जाने कितनो का उद्धार किया , इक इक कर सारे दुर्गुण को गुणों मे अवतरित किया सदा सत्य कहाना बेटा तुम कभी विपत्ति ना आएगी युग युग नाम रहेगा तेरा दुनिया भूल ना पाएगी ग्यान पे कभी अभिमान ना कराना यही हमें है बतलाया गुरु और भगवान में, सदा ओहदा गुरु का भारी है जीवन दिया भगवन ने पर अब गुरू की बारी है कैसे जीना इसका तरीका गुरुजी ने सिखलाया अपने अनुभव और ग्यान से शिष्य को सफ़ल बनाते है इसीलिए ताउम्र हम सब शिक्षक को सीस नवाते है जिसने मानी बात गुरु की परिचम उसका लहराया शिक्षक दिवस