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मैंने तो धीरे से, नींदों के धागे से बांधा है ख़्वा

मैंने तो धीरे से, नींदों के धागे से
बांधा है ख़्वाब को तेरे
मैं ना जहां चाहूं, ना आसमान चाहूं
आ जा हिस्से में तू मेरे
- Irshaad Kamil मैं ना जहां चाहूं, ना आसमान चाहूं
आ जा हिस्से में तू मेरे💌
मैंने तो धीरे से, नींदों के धागे से
बांधा है ख़्वाब को तेरे
मैं ना जहां चाहूं, ना आसमान चाहूं
आ जा हिस्से में तू मेरे
- Irshaad Kamil मैं ना जहां चाहूं, ना आसमान चाहूं
आ जा हिस्से में तू मेरे💌
swechhas4861

Swechha S

Silver Star
Entrepreneur Creator

मैं ना जहां चाहूं, ना आसमान चाहूं आ जा हिस्से में तू मेरे💌 #विचार