बेशर्त दोस्ती न "अशुद्ध" कनक के जैसी हो । न "विरुद्ध" शस्त्र के जैसी हो। न "युध्द" अस्त्र जैसी हो। गर हो तो "बेशर्त दोस्ती"; पावन गंगा सी "निर्मल" हो। वृक्ष के भाँति "निष्छ्ल" हो। जल के भाँति "निर्झर" हो। #बेशर्त दोस्ती