दिल में उसके एक तमन्ना बाकी है अभी कहानी का एक पन्ना बाकी है वो लक्ष्मी है तुम भगवान तो बनो वो सीता है, तुम राम तो बनो, हर जुल्म पर जो बोल उठे ऐसी आवाम तो बनो,किसी की चीख किसी की कराह लिखूँ एक मुस्कुराते हुए चेहरे की सिसकती हुई आह लिखूँ क्योंकि ये सब कुछ उसके अंदर है वो औरत नहीं, समंदर है. ©mau jha नारी कविता