तुम बेख़बर हो इसकी गुनाहों से सनम झुकी पलकों से यूँ नज़रें ना छुपाया कर यहाँ दिल संग धड़कन को अब बहत हुआ सज़ा वक़्त बेवक़्त यूँ पल पल सताया तो ना कर Pc Google