बीमारी का किस्सा क्या शुरू हुआ , घर में सब आपना आपना दुख बताने लगे!! "कल फिर जाना है दो वक़्त की रोटी कमाने" सोच कर ये पिता जी अपना जख्म छुपाने लगे।। father is roof of a house #father poetry #feelingsquotes