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deepmuहकीकत ह&

 deepmuहकीकत हूं मैं तेरी ,
मैं तेरे जिस्म की रूह हो जाऊं,
सजती रहूं तेरी ही निगाहों मैं हरदम,
फिर चाहे मैं खुद से दूर हो जा जाऊं...!

कभी तो संभाला कर मुझे भी ,
तेरी ख्वाहिश पूरी करने को मैं मंजूर हो जाऊं ,
 दुआ है कि सिर्फ तुम मुकम्मल हो जाओ,
 deepmuहकीकत हूं मैं तेरी ,
मैं तेरे जिस्म की रूह हो जाऊं,
सजती रहूं तेरी ही निगाहों मैं हरदम,
फिर चाहे मैं खुद से दूर हो जा जाऊं...!

कभी तो संभाला कर मुझे भी ,
तेरी ख्वाहिश पूरी करने को मैं मंजूर हो जाऊं ,
 दुआ है कि सिर्फ तुम मुकम्मल हो जाओ,