श्रृंगारी सामान के व्यापार की चांदी हो चली है, क्युकी अब यह नुमाइशी का जमाना हो चला है, बेहतरीन रूबरू होने की चाह में बेआबरु भी हो चले है, न जाने ये कैसा रिवाज़-ओ-फसाना शुरू हो चला है। #श्रंगार #व्यापार #नुमाइशी_का_ज़माना = #fashion #रूबरू #बेआबरू #रिवाज़_ओ_फसाना