ये लॉक डॉउन से पहले..की बात है..में और कुछ हमारे रिश्तेदार घूमने..मुंबई गए थे..पांच दिन अच्छा शहर देखे..हम हमारा शहर वापस आने के लिए टिकेट भी बुक होगया..इतने में मेरी मौसी..मेरी मौसी मुंबई में रहती है..मेरी मौसी बोली कुछ दिन और रुख जाव..मेरी पापा बोले टीक है अभी सिर्फ पांच दिन और रुकेंगे.. कहादिए..वो पांच दिन ऐसा हुआ कोई सोच ही नहीं सकता था.. करोना की वाझसे लोक डॉउन चालू होगया..सब बांध..है..उस दिन से लेके आजतक हम मुंबई में है..अब मेरी मौसी भी अपने आपको डांट रही होगी अकेले में कबी कबी.. मैंने रुक ने के लिए क्यों कहा होगा..कितने भी प्यारे रिश्तेदार हो..इतने दिन उनके घर में रहना हम को भी पसंद नहीं...उनको भी..आज तक हम लोगो को घर वापसी नहीं हुई.. #yostowrimo में आज की कहानी का विषय है - वापसी। यह वापसी किसी भी तरह की हो सकती है। कई बार हम निश्चय कर रखते हैं कि ऐसा ही करके लौटेंगे मगर ऐन वक़्त पर कुछ अलग ही निर्णय लेना पड़ता है और हम वापिस मुड़ जाते हैं। प्रेम से लेकर जीवन के विभिन्न व्यापार में ऐसा होता रहता है। #वापसीकहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi