मेरे हिस्से में तेरा वक़्त जैसे रेत की तरह लिखा है, समंदर से इंतज़ार में, उसे नमक की तरह चखा है। बढ़ती प्यास बुझाने का, मिलता नहीं कोई ज़रिया, उम्मीद का ज़रा सा क़तरा अमृत की तरह रखा है। तेरे हर एक लफ़्ज़ से पिरो रखी है यादों की माला, यादों का पल-पल फिर इबादत की तरह दिखा है। रिश्ते को नाम देने के बाद भी कम हैं निभाने वाले, आँख में जुदाई का खौफ़ तिनके की तरह चुभा है। आज़मा लेने दो 'धुन', वक़्त आईना भी दिखाएगा, अपना भी सब्र अब किसी बाँध की तरह टिका है। Rest Zone आज का शब्द- 'इबादत' #rzmph #rzmph143 #इबादत #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi