#सुनो_तो कभी, बात दिल की मेरी.! क्या कहती है धड़कन, सुनो तो कभी.! धड़कनों की तरन्नुम को, समझो ज़रा.! गुनगुनाता है दिल क्यों, तुम्हारे लिए.! कहीं दिल के तार, क्या तुमसे जुड़े.! जो तेरे लिए ही, धड़कता है दिल.! उम्मीदें लगी अब, तुमसे मेरी.! मेरे दिल की धड़कन, बनोगी तू कब.? #अजय57