मोहब्बत को तरजीह देने वाले लोगों को,दिल्लगी आखिर कब तक बहलाएगी ये जिस्म की खूबसूरती, ये अदाओं में नफासत थोड़े सच्ची मोहब्बत दिलायेगी उनसे पूछना था आजकल किसके हमदर्द, किसके हमराज हुए है वो हमारे बाद उनकी नई मोहब्बतें क्या हमारी मोहब्बत के इर्द-गिर्द पलभर भी ठहर पायेगी हमारी सारी बेचैनियों का सबब सिर्फ एक वही शख़्स रह गया है उम्रभर के लिए उससे ना जुड़ी अगर प्रीत की डोरी तो साँसें भी कहाँ तक मिरा साथ निभायेंगी हमें समझा, हमें बहला, कोई भी तरकीब लगा, पर खुद से दूर ना कर महबूब मेरे क्योंकि दिन तो कैसे भी गुज़र जायेंगे लेकिन रातें हर पल तेरी यादों में रुलायेंगी ©Aanchal tripathi #poetry #poetrycommunity #urdupoetry #poetryisnotdead #instapoetry #poetryofinstagram #poetryporn #poetrylovers #hindipoetry #Thoughts