हंसने के बाद प्यारी लगे यह ज़िन्दगी कुछ ऐसी तो है, मरती तो है यादें सदा जीती सदा बारिश तो है, यादों के घर से जो बारात निकले पैदल कहीं कोई मंजिल तो है, मैं हू सदा सदा ही रहू नहीं तो उसे यह आदत तो है, मंजिल है कोई गुजरता सा रस्ता बैठा मुशाफिर खामोश तो है, बदलेगा ऐसे जमाना एक दिन जैसे बादल मे बारिश जो है, तू तो है सदा संग मेरे वो जो है वो वो कौन है, -देशांक #friend #Morning