ज़मीं से फ़लक तक, ज़मीं से फलक तक का सफर अभी बाकी है, कुछ अनसुलझे पहेलियों का जवाब अभी बाकी है, कुछ इस कदर शाम हुई की रात अभी बाकी है, कुछ गुफ्तगू तो ज़रूर हुई पर बात अभी बाकी है, फना हुए इश्क़ में हम पर तबाह होना बाकी है, कुछ फरमाना इश्क़ तुम भी एहसास अभी बाकी है। #zameen