हिन्दी भाषा का शब्दकोश अत्यन्त बृहद्, विपुल, सरस, आत्मीय तथा वैज्ञानिक है। हिन्दी मात्र भाषा नही, अपितु भारत की अन्तरात्मा की सजीव अभिव्यक्ति है। वेद-पुराण स्मृति इतिहास के आद्य स्वर हिन्दी भाषा में सहज साकार हैं। भारत की संस्कृति, संस्कार, आध्यात्मिकता और लोकमानस की समस्त संवेदनाएँ सही अर्थों में हिन्दी द्वारा ही अभिव्यक्त होती हैं। भारत के सर्वांगीण विकास और राष्ट्र को एकता के सूत्र समाहित करने के लिए हिन्दी के पठन-पाठन और प्रसार में सकारात्मक योगदान अपेक्षित है। "हिन्दी दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएँ। ©मनोज कुमार झा "मनु" #हिंदीदिवस