पुरानी यादें आज भी, सभी गृहणियों को समर्पित Salute to all Female पिता ने बंदिशे लगाई, उसे संस्कारो का नाम दे दिया.....!! सास ने कहा अपनी इच्छाओं को मार दो उसे परम्पराओं का नाम दे दिया....! ससुर ने घर को कैदखाना बना दिया, उसे अनुशासन का नाम दे दिया.....!! पति ने थोप दिये अपने सपने अपनी इच्छायें, उसे वफा का नाम दे दिया.....! बच्चों ने अपने मन की करी, और उसे नयी सोच का नाम दे दिया....! ठगी सी खड़ी मैं जिन्दगी की राहों पर, और मैने उसे किस्मत का नाम दे दिया.....!! 🌿 मंदिर में गयी तो , महाराज ने उसे कर्म का नाम दे दिया....! जिंदगी तो मेरी थी एक पल जीने को तरस गयी।