यही बकाया है उसका उधार जरा सा। ले जा दिल के कतरे की बूँद जो बाकी ताकि उतार सकूँ मैं कर्ज तेरा जरा सा। भटकते फिरते हो सकून की तलाश में मेरे दिल में कभी आके पधार जरा सा। न जाने कब से खामोश हैं रिश्ते तेरे मेरे गुफ्तगू शुरु करें तू भी पुकार जरा सा। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ #प्यारज़रासा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi