Nojoto: Largest Storytelling Platform

(रमज़ान कोरा काग़ज़-१) बंदगी का कुछ हिसाब माँगा आज उ

(रमज़ान कोरा काग़ज़-१)

बंदगी का कुछ हिसाब माँगा आज उसने।
ज़िंदगी को बे-इख़्तियार किया जो उसने।
हमारी ख्वाहिश को जिसने अपनाया था,
आज मेरे सपनों को भी ठुकराया है उसने।

क्या हिसाब दूँ अपनी बंदगी का उसको?
मैंने तो उस से मोहब्बत ही निभाई थी।
ये तो उसकी नज़रों का बदलना ही था।
हमने कभी न बदलने की कसम खाई थी।

बंदगी को आज भी प्यार के रुप मे देखा।
मैंने तो उसको अपने खुदा के रूप में देखा।
उसने तो बना दिया मुझे पल भर मे पत्थर,
मैंने तो उसे दिल की धड़कनों के रूप में देखा। #कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#kkrनज़्म_ए_वेदांतिका
#kkrबंदगी 
#रमज़ानकोराकाग़ज़
#kkr2022 
#क़िर्तास_ए_ज़ीस्त
(रमज़ान कोरा काग़ज़-१)

बंदगी का कुछ हिसाब माँगा आज उसने।
ज़िंदगी को बे-इख़्तियार किया जो उसने।
हमारी ख्वाहिश को जिसने अपनाया था,
आज मेरे सपनों को भी ठुकराया है उसने।

क्या हिसाब दूँ अपनी बंदगी का उसको?
मैंने तो उस से मोहब्बत ही निभाई थी।
ये तो उसकी नज़रों का बदलना ही था।
हमने कभी न बदलने की कसम खाई थी।

बंदगी को आज भी प्यार के रुप मे देखा।
मैंने तो उसको अपने खुदा के रूप में देखा।
उसने तो बना दिया मुझे पल भर मे पत्थर,
मैंने तो उसे दिल की धड़कनों के रूप में देखा। #कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#kkrनज़्म_ए_वेदांतिका
#kkrबंदगी 
#रमज़ानकोराकाग़ज़
#kkr2022 
#क़िर्तास_ए_ज़ीस्त
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator