अ"न्याय"पालिका कब तक बदलते रहेंगे हम। अपनी बहन बेटियों के न्याय दिलाने वाले, पर्दो और तस्वीरों पर से सिर्फ नाम उनका। बदलना है तो बदलो अपना रवैया और कानून। मारो उन्हें उसी वक्त जिन्हें चढ़ा है, बेटियों से खेलने का जुनून। क्या करेंगे सौंप कर उन दरिंदों को, कानून के ठेके-दार को, वो तो लगा हुआ हैं, खुद बनने जागीर-दार हैं। काले कपड़ों में बैठा हर शख्स वहां, कोई ना कोई धारा बतला देगा। एक बार फिर यह अंधा कानून, उन्हें रिहाई दे देगा। जिसे समझ रहे हैं हम न्यायपालिका। वह तो खुद ही हैं बिखरा पड़ा, मानों कचरा है़, नगरपालिका का। जहां उम्मीद लगाए बैठे हैं, हम न्याय की। वहां दबकर मर भी गए लोग फाइलों में, और तारीखों की सुनवाई में। एक जुनून शायद हमारा देश बदल देगा। अगर मोमबत्तीयों और पुतलों की जगह, कोई दरिंदा जले सरेआम तो, गहरी नींद में ग्रस्त उस अंधे कानून को जगा देगा। ****************************** निर्भया जले ना मनिषा, ना कोई दफनें अशिफा। जनाजें निकले तो सिर्फ उन हैवानो़ के निकले, बस यही दुआ है ईस धीRज की मेरे.... रबा। :- धीRज I.G.@mere_alfaazzz #hangrapist #savegirl #Be #Hindi #Poetry #just #justice #GandhiJayanti2020