Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे। आधा गीला,

एक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे। आधा गीला, आधा सूखा तो मैं ले आई थी।
गीला मन मेरा बिस्तर के पास पड़ा हैं। वो भिजवा दो..मेरा वो समान लौटा दो.... मन
एक अकेली छतरी में जब आधे-आधे भीग रहे थे। आधा गीला, आधा सूखा तो मैं ले आई थी।
गीला मन मेरा बिस्तर के पास पड़ा हैं। वो भिजवा दो..मेरा वो समान लौटा दो.... मन
skc5439671857389

Skc

New Creator

मन