इन काली-काली आँखों से मैने एक सपना देखा है । हो मेरा भारत अखंड ऐसा मैंने सोचा है । कोई ना लड़े जाती-पाती के लिए सब एक जैसे हैं ।अरे जीना है तो जिओ शान से लड़ के क्या फायदा है। आपस में हूं कार मैं भरता हूँ, भारत का अरे जीना है ,तो जिओ माँ भारती के लिए इन काली-काली आंखों से मैंने एक सपना देखा है हो मेरा भारत अखंड ऐसा मैंने सोचा है। रचना विचार कविता लेखक आशुतोष कुमार राज मैं आशुतोष कुमार राज कविता लेखक जय हिंद जय भारत जय माता दी ।