Nojoto: Largest Storytelling Platform

*विश्वासघात दिवस* न धर्म से , न भाषा से , न डरत

*विश्वासघात दिवस*  
न धर्म से , न  भाषा से , न डरते  हम  किसी  जात से !
डर लगता  है  साहब  हमको  तेरी  झूठी  बात  से  !!
गोली-बन्दुक से डर नहीं  लगता ,न डरते हम संवाद  से !
खेलो न मेरी आवरू से , न खेलो मेरी जज्वात से !!
डर लगता  है साहब तेरी रोज  के  *विश्वासघात* से -2
गर्मी से हमें डर नहीं लगता , न तेज  हवा  रफ़्तार से !
काली रात के ठंढी से न , घोर  घनी  बरसात  से !!
मौसम की तरह बदलते हो तुम ,पता न किस रफ़्तार से !!
डर लगता है साहेब तेरी रोज की *विश्वासघात* से -2
*संतोष 'सागर'*  सहायक रेल चालक , गोमो (धनबाद ) *विश्वासघात दिवस*  
न धर्म से , न  भाषा से , न डरते  हम  किसी  जात से !
डर लगता  है  साहब  हमको  तेरी  झूठी  बात  से  !!
गोली -  बन्दुक  से डर नहीं  लगता , न डरते हम संवाद  से !
खेलो न मेरी आवरू से , न खेलो मेरी जज्वात से !!
डर लगता  है साहब तेरी रोज  के  *विश्वासघात* से -2
गर्मी से हमें डर नहीं लगता , न तेज  हवा  रफ़्तार से !
काली रात के ठंढी से न , घोर  घनी  बरसात  से !!
*विश्वासघात दिवस*  
न धर्म से , न  भाषा से , न डरते  हम  किसी  जात से !
डर लगता  है  साहब  हमको  तेरी  झूठी  बात  से  !!
गोली-बन्दुक से डर नहीं  लगता ,न डरते हम संवाद  से !
खेलो न मेरी आवरू से , न खेलो मेरी जज्वात से !!
डर लगता  है साहब तेरी रोज  के  *विश्वासघात* से -2
गर्मी से हमें डर नहीं लगता , न तेज  हवा  रफ़्तार से !
काली रात के ठंढी से न , घोर  घनी  बरसात  से !!
मौसम की तरह बदलते हो तुम ,पता न किस रफ़्तार से !!
डर लगता है साहेब तेरी रोज की *विश्वासघात* से -2
*संतोष 'सागर'*  सहायक रेल चालक , गोमो (धनबाद ) *विश्वासघात दिवस*  
न धर्म से , न  भाषा से , न डरते  हम  किसी  जात से !
डर लगता  है  साहब  हमको  तेरी  झूठी  बात  से  !!
गोली -  बन्दुक  से डर नहीं  लगता , न डरते हम संवाद  से !
खेलो न मेरी आवरू से , न खेलो मेरी जज्वात से !!
डर लगता  है साहब तेरी रोज  के  *विश्वासघात* से -2
गर्मी से हमें डर नहीं लगता , न तेज  हवा  रफ़्तार से !
काली रात के ठंढी से न , घोर  घनी  बरसात  से !!