*जो चाहते हैं -सो होता नहीं,* *जो होता है -वह भाता नहीं,* *जो भाता है -सो रहता नहीं,* *----यह भी कोई जीवन है ?* *स्वामी श्री शरणानन्द जी महाराज ने एक ही वाक्य में उत्तर दे दिया ; जब तुम्हारा ही अनुभव है कि जो तुम चाहते हो सो नहीं होता है, तो चाह छोड़ क्यों नहीं देते!* ©KhaultiSyahi #villagelife #hunarbaaz #Life_experience #think #Reality #truth #khaultisyahi #mystory #Myself #mystery