मीठे से परहेज़ होने लगा है, कुछ मीठी बातों ने दिया दगा है। बार-2 विश्वास कर लेते हैं उन पर, सज़ा कौन सी मिलती बेवजह है। सच का कड़वा घूँट कबूल है हमें, क्यों फिरते हैं वो पहेली बन हर समय। #मीठीबातें #परहेज़