जीते है दर्द से गलकर सांसे तुम्हीं में, उमंगों सी राहत की में पलूं उसी में, इश्क से बुलाते तो आती है कही से, चाहें है एक सी, बस में रखना उसी में, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #YourQuoteAndMine Collaborating with Prashant Sethia