ना जाने क्यों खुशी महसूस नहीं हो रहीं, एक अपराधी अभी भी ज़िन्दा है, यही सोच कर दिल सोच में पड़ा है, इन्साफ़ देरी से सही मगर हो गया, मगर इन्साफ़ भी तो अभी अधूरा है, 7 सालो का इंतजार का प्रणाम मिला, अभी आधा ही सही मगर निर्भया को इन्साफ़ मिला, एक लड़की होने के नाते उसके दर्द का अनुमान लगा सकती हूँ, हेवनो में फंसी उस के डर को भी मेहसूस कर सकती हूँ, चीख़ उसकी सात सालो से दिल्ली में सुनती तो होगी, जिन्होंने की ना थी उसकी मदद आत्मा उनकी भी आज तक रोती तो होगी, वो बच सकती थी मगर बच ना सकीं, इस बात से उसकी माँ रोती तो होगी, वो मर गयी मगर आज भी रातों को एक निर्भया घर से निकलने से डरती तो होगी, - © Anushka sharma 🌹 🌹🌹 #nirbhaya_verdict #sad_but_true