चाहते तो है सब सच सुन्ना, पर स्वीकार किसी से होता नहीं। यूँ तो कोई बता भी दे, पर फिर बौछार-ए-सवाल से कैसे बचे। समाए रखते हैं लोग राज़-ए-ख़ज़ाना दिल में ही, उस तक क्यूंकि कोई पहुँचता ही नहीं। किसके समक्ष रखे ये राग! काग़ज़-कलम से प्यारा ना किसी का साथ। लोगों से पूछ कर देखें, क्या जवाब मिलता है? #सचबताना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yourquote #yqdidi #think_and_sharpen #sanjana_saxena