मेरी दुनिया कि परिभाषा - पराकाष्ठा ,उत्कृष्टता में समाज ,जाति ऐसे अनगिनत अपवाद परंपराएं नहीं होगी जिससे मैं अपनी मोहब्बत को जी भर के जी सकूं ©Ditikraj"दुष्यंत"...! मेरी दुनिया कि परिभाषा - पराकाष्ठा ,उत्कृष्टता में समाज ,जाति ऐसे अनगिनत अपवाद परंपराएं नहीं होगी जिससे मैं अपनी मोहब्बत को जी भर के जी सकूं !... दितिकराज