तेरी सूरत को ख्यालों में बसा लेता हूँ मैं, अरिजीत सिंग के कुछ गाने गुनगुना लेता हूँ मैं।। जुबां न फिसल जाए मेरी, तेरा ज़िक्र आने पर, इसीलिए , महफ़िल में अपने मुँह में दही जमा लेता हूँ मैं ।। ©Being Anonymouss मुझे तुझसे अरिजीत सिंह हो गया है ।। ही ही ही ।