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तुमसे मेरी वो आख़िरी मुलाक़ात आज भी याद है। आँखों आँ

तुमसे मेरी वो आख़िरी मुलाक़ात आज भी याद है।
आँखों आँखों में हुई वो सारी बात आज भी याद है।

झुकती पलकें, थमती साँसें, क्या ख़ूब वो मंज़र था।
इशारों में तुमने जो कहा, हर बात आज भी याद है।

मुझे देख वो तेरा शर्माना, बिन कहे सब कह जाना।
हमारे इश्क़ की वो हसीन शुरुआत आज भी याद है।

लबों की ख़ामोशी और तेरी ज़ुल्फों का यूँ लहराना।
वो तेरे आँगन में बिताई, सर्द रात आज भी याद है।

आँखों की कशिश और तेरा मंद मंद यूँ मुस्कुराना।
तेरे इश्क़ में भीगने की वो बरसात आज भी याद है। ♥️ Challenge-803 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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तुमसे मेरी वो आख़िरी मुलाक़ात आज भी याद है।
आँखों आँखों में हुई वो सारी बात आज भी याद है।

झुकती पलकें, थमती साँसें, क्या ख़ूब वो मंज़र था।
इशारों में तुमने जो कहा, हर बात आज भी याद है।

मुझे देख वो तेरा शर्माना, बिन कहे सब कह जाना।
हमारे इश्क़ की वो हसीन शुरुआत आज भी याद है।

लबों की ख़ामोशी और तेरी ज़ुल्फों का यूँ लहराना।
वो तेरे आँगन में बिताई, सर्द रात आज भी याद है।

आँखों की कशिश और तेरा मंद मंद यूँ मुस्कुराना।
तेरे इश्क़ में भीगने की वो बरसात आज भी याद है। ♥️ Challenge-803 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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