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कान्हा, राधेरानी को विरह का दुख था, लेकिन अपने प्

कान्हा,
राधेरानी को विरह का दुख था, 
लेकिन अपने प्रेम से आपने उन्हें,
सदैव प्रेमिका बनाकर रखा.
मेरा दुख तो विरह से भी है, 
और प्रेम मुझे मिला नहीं.
प्रेम, 
खोजते खोजते खुद को खो दिया,

©Suman Banshiwal
  शिकायत

शिकायत #SAD

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