इन्तज़ार कब तक करू ऐ जिंदगी तेरा पकड़ना/छोड़ना हंसाना/रूलाना कंही ऐसा तो नहीं कि मेरे दिल-ए-नादाँ को तुम खिलौना समझ बैठी । by vicky singh #love #lovequotes