बात है कर्तव्य और अधिकार की माँ बाप के त्याग नही, कर्तव्यपरायणता की, फिर उनके बच्चों को पित्र ऋण चुकाने किसी भी तरह अपने बच्चों के लिए वही दायित्व वही कर्तव्य होते हैं निभाने ठीक वैसे ही जैसे कर्तव्यपरायणता की राह में सिपाही जान तक दे देता है सवाल त्याग का नहीं मगर ये होना चाहिए कि उन मां बाप के या उस सिपाही के अधिकारों का उनके हक का क्या हुआ ऐहसान मानने या बेमतलब की भावनाओं के जलूस में, ये डे वो डे मनाते उनके कर्तव्य कौन भुला गया उनके हक और उनके अधिकार कौन खा गया ? सुप्रभात। आप सभी को #पेरेंट्सडे अर्थात #मातापितादिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। माता पिता के त्याग की महिमा लिखने चलें तो पोथियाँ कम पड़ जाएँ। हम इतना तो कर ही सकते हैं कि उनके स्वास्थ्य और सत्कार में कोई कमी न छोड़ें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi