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तुमसे बिछड़ कर अब जाना ही कहाँ है? दो राहों पर खड़ा

तुमसे बिछड़ कर अब जाना ही कहाँ है?
दो राहों पर खड़ा मैं और दिल बेचारा है।

ये चाँद मुझे हर दिन रुलाता बहुत है,
के चाँद में भी तेरी सूरत के निशां हैं।

क्या गवाह दूँ अपने आलम-ए-ज़ार का मैं?
हाल तिनके सा और दुनिया मेरी हवा है।

दौर-ए-माज़ी में हर लम्हा बसर कर रहा,
कुछ नहीं पास मेरे तेरा ख़्याल ही अब बचा है।

तुम जहाँ हो जहान मेरा वहीं है,
सनम तेरी याद में हर अश्क़ मेरा बहा है।

अब होश-ओ-हवास बचाकर करना भी क्या?
तुझ बिन रोज़ाना अबसे शेवा-ए-रिंदाना है। ♥️ Challenge-821 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
तुमसे बिछड़ कर अब जाना ही कहाँ है?
दो राहों पर खड़ा मैं और दिल बेचारा है।

ये चाँद मुझे हर दिन रुलाता बहुत है,
के चाँद में भी तेरी सूरत के निशां हैं।

क्या गवाह दूँ अपने आलम-ए-ज़ार का मैं?
हाल तिनके सा और दुनिया मेरी हवा है।

दौर-ए-माज़ी में हर लम्हा बसर कर रहा,
कुछ नहीं पास मेरे तेरा ख़्याल ही अब बचा है।

तुम जहाँ हो जहान मेरा वहीं है,
सनम तेरी याद में हर अश्क़ मेरा बहा है।

अब होश-ओ-हवास बचाकर करना भी क्या?
तुझ बिन रोज़ाना अबसे शेवा-ए-रिंदाना है। ♥️ Challenge-821 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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nazarbiswas3269

Nazar Biswas

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