Kausar Siwani Ghazal
सुला कर तेज़ धारों को किनारो तुम न सो जाना
रवानी ज़िंदगानी है तो धारो तुम न सो जाना
मुझे तुम को सुनानी है मुकम्मल दास्ताँ अपनी
अधूरी दास्ताँ सुन कर सितारो तुम न सो जाना
तुम्हारे दाएरे में ज़िंदगी महफ़ूज़ रहती है #ghazal#literature#NojotiHindiLiterature