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White ये हुक्म है तिरी राहों में दूसरा न मिले शमीम

White ये हुक्म है तिरी राहों में दूसरा न मिले
शमीम-ए-जाँ तुझे पैराहन-ए-सबा न मिले

बुझी हुई हैं निगाहें ग़ुबार है कि धुआँ
वो रास्ता है कि अपना भी नक़्श-ए-पा न मिले

जमाल-ए-शब मिरे ख़्वाबों की रौशनी तक है
ख़ुदा-न-कर्दा चराग़ों की लौ बढ़ा न मिले

क़दम क़दम मिरी वीरानियों के रंग-महल
दिलों को ज़ख़्म की सौग़ात-ए-ख़ुसरवाना मिले

तुम इस दयार में इंसाँ को ढूँढती हो जहाँ
वफ़ा मिले तो ब-एहसास-ए-मुजरिमाना मिले

गए दिनों के हवाले से तुम को पहचाना
हम आज ख़ुद से मिले और वालिहाना मिले

किधर से संग चला था 'अदा' कहाँ पहुँचा
जो एक ठेस से टूटें उन्हें बहा न मिले

©Jashvant
  मेरे ख्वाबों की रोशनी तक है  Geet Sangeet vineetapanchal Andy Mann Lalit Saxena Satyaprem Upadhyay
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Jashvant

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मेरे ख्वाबों की रोशनी तक है Geet Sangeet @vineetapanchal @Andy Mann @Lalit Saxena @Satyaprem Upadhyay #Life

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