अपने तो लौट आए शहर से गांव की तरफ पर तन्हाइयों का मलाल गहरा कर दिया खुशियां बटोरने गए थे लोग शहर अब गांव लौटे तो कहर का माहौल कर दिया और जो पहले मिलते थे तो गले लगा लेते थे आज उनने मुझसे मिलना ही छोड़ दिया लगता है खौफ है मौत का लगता है खौफ है मौत का