दिल की ख्वाहिशों को, अधूरा छोड़कर। क्यूँ चल दिये तुम, यूँ हमसे मुँह मोड़कर। जाने किस बात का गुरुर था तुम्हें खुद पर। मेरे चाहत को ठुकराया, मेरा दिल तोड़कर। 'शोहरा' मेरी चाहत का, तुम्हें खींच लाएगा। मत जा मेरी जान, मुझे यूँ तन्हा छोड़कर। दिल की ख्वाहिशों को, अधूरा छोड़कर। क्यूँ चल दिये तुम, यूँ हमसे मुँह मोड़कर। Please Do A Collab If You Like It. #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #शोहरा #wordoftheday