गीत तुम्हें मुझसे प्यार होता, तो भुला ना मुझको देता सभी वादे झूठे करके, कभी गैर से ना मिलता तेरी बेवफाइयों से, कई बार दिल ये टूटा तुझे याद करके रोया, तेरे प्यार को ये तरसा कई बार ये बिखर कर तेरे ग़म में सिसका, धड़का कभी ली खबर न मेरी, मेरा साथ ऐसे छोड़ा तुम्हें मुझसे प्यार होता, तो भुला ना मुझको देता सभी वादे झूठे करके, कभी गैर से ना मिलता नहीं आसरा तेरा अब, मेरा साथ छोड़ दे तू सभी रिश्ते नाते बंधन, व क़रार तोड़ दे तू तुझे मैं भुला चुका हूँ, मुझे भी भुला दे दिल से मेरे सामने कभी भी, न तू भूल कर के आए तुम्हें मुझसे प्यार होता, तो भुला ना मुझको देता सभी वादे झूठे करके, कभी गैर से ना मिलता मेरा साथ तूने छोड़ा, मुझे ला के बीच तूफान मेरे दिल से खेला जी भर, मुझे जान कर खिलौना कहीँ का न मुझको छोड़ा, मुझे कर दिया तू रुसवा मेरी बस दुआएं तुझको, तुझे जाए लग "करोना" तुम्हें मुझसे प्यार होता, तो भुला ना मुझको देता सभी वादे झूठे करके, कभी गैर से ना मिलता ©Saad Balrampuri #Thinking Dhyaan mira IshQपरस्त sad poetry deep poetry in urdu hindi poetry on life urdu poetry sad metaphysical poetry