कुछ पलों की क्रोध की अग्नि सारी अच्छाइयों को जला देती है,
शांत हो जाने के बाद राख में खाक छानते रह जाते हैं,,
एक नफरत का बूंद प्रेम के समुंदर में जहर घोल देता है
जुबान से अभद्र शब्द से कर्कश,, आंखों से कड़वाहट निकलती है,,,
जो किसी देवता का रूप होता था वो राक्षस में परिवर्तित हो जाता है,,,
छोड़ जाता है पीछे पश्चाताप आत्मग्लानि,,, #lovelife#SelfishWorld#loveeverywhere#loveeverything#Inosent