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ओ सनम अफताब में भी हम मह-ए-कामिल लग रहे है, तेरी

ओ सनम अफताब में भी हम मह-ए-कामिल लग रहे है, 

तेरी हंसी मेरे होठों पर लबरेज़-ए-मय लग रहे हैं। मह-ए-कामिल:- पूरा चांद

♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।
ओ सनम अफताब में भी हम मह-ए-कामिल लग रहे है, 

तेरी हंसी मेरे होठों पर लबरेज़-ए-मय लग रहे हैं। मह-ए-कामिल:- पूरा चांद

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