जब प्रकृति ने अपना पवित्र प्रतिबिंब उकेरने को एक आईना मांगा होगा तब ईश्वर ने पुरुष की पुतलियों में एक भाई गढ़ा होगा ।। ~© अंजली राय जब प्रकृति ने अपनी निश्छलता, कोमलता मातृत्व सहेजने को एक पात्र मांगा होगा तब ईश्वर ने स्त्री के हृदय में एक बहन को गढ़ा होगा। जब प्रकृति ने अपना पवित्र