पहन लो मुखौटा ,बन जाओ अमृतवाणी का सन्यासी माफ़ करना, इस कलयुग में लोग बन जाए उनके दास दासी पहन लो मुखौटा ,बन जाओ अमृतवाणी का सन्यासी माफ़ करना, इस कलयुग में लोग बन जाए उनके दास दासी