कुछ तो बदला है शायद इन चंद दिनों के फेर में तुम बदले या मैं बदला बस कुछ लम्हों की देर में हर पल जो आज़ाद रहे, अब देखो ये बंधन कैसा तुम भी बँधे हो धागे से और मैं भी हूँ एक घेर में #बन्धन