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शामों सुबह गुज़रती थी जिनकी गली। उन्ही गलियों ने

शामों सुबह  गुज़रती  थी जिनकी गली।
उन्ही गलियों  ने  कैसा जफ़ा कर दिया।
हम  लौटे थें  जाने  क्या-क्या  सोचकर,
उसने हमको ही अनजान सा कर दिया। #love #nazm #secretdiary
शामों सुबह  गुज़रती  थी जिनकी गली।
उन्ही गलियों  ने  कैसा जफ़ा कर दिया।
हम  लौटे थें  जाने  क्या-क्या  सोचकर,
उसने हमको ही अनजान सा कर दिया। #love #nazm #secretdiary