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भारत चीन विवाद देश बड़े नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है।

भारत चीन विवाद

देश बड़े नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के साथ पड़ोसी मुल्क़ भी दुश्मनी को हवा दे रहे हैं। सीमा पर हमारे 20 जवान शहीद हो गए बहुत दुःख हुआ और मन में आक्रोश जाग गया। विचलित मन बस कहे जा रहा है चीन को जबाब दो। हे भारत । चीन को जबाब दो। बातें करने का वक़्त नहीं है। एकाध बार गलती हो जाए तो बात करके मसले को सुलझाया जा सकता है लेकिन जानबूझकर किए गए उलंघन के लिए दण्ड देना अनिवार्य होना चाहिए। ये दौर कमज़ोर होने का बिल्कुल नहीं है। हमारा नेतृत्व और हम सभी देशवासियों को घात लगाकर बैठे भीतर और बाहर के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। कोरोना से निपटने के लिए सोशलडिस्टेंस की पालना,मास्क,सेनेटाइजर और स्वतः जागरूक होकर सजग हो जाना है। क्योंकि अब अगर लापरवाही बरती गई तो बड़े नुकसान होंगे।
मैं युद्ध का बिल्कुल भी पक्षधर नहीं हूँ किन्तु गुजरे कुछ दशकों से भारत की उदारवादी नीतियों का मज़ाक बनते देखता हूँ तो खून में उबाल आता है। हमें दुनिया के सामने कुछ नही कर सकने वाली इमेज को बदलना होगा। आज वक़्त भी चाहता है कि युद्ध हो।
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कोरोना महामारी आने से पहले अपने कई मित्रों से बात करते समय मैंने उनको बोला कि वक़्त युद्ध चाहता है। इसी बात को लेकर वो मुझसे लड़पडे। कैसे सोचता हो? तुम्हें दुःख दर्द नहीं मालुम! कभी सैनिक का दर्द नहीं देखा। घर में से कोई फ़ौज में नहीं होगा जैसी बातें ख़ूब सुनाई गयीं। उस दौरान विश्वयुद्ध होने की संभावनाएं भी जाग्रत हुईं लेकिन वह टल गया। अच्छा हुआ। अभी खबरों में यह बात चल ही रही थी कि चीन में कोरोना का ताण्डव शुरू हो गया। धीरे धीरे करके यह ताण्डव पूरे विश्व में फैल गया आज तक हम मासूम और निर्दोष लोगों की ज़िन्दगी को सिमटते हुए देख रहे हैं।
कल इसी समय तक कोरोना से मौतों की संख्या 9911 थी और कुल संक्रमण 343091 लोगों को हुआ जो अभी बढ़कर 354065 हो गया है और मरने वालों की संख्या- 11903 हो गई है।
फ़िलहाल हमें कोरोना के नियंत्रण पर ध्यान देने की जरूरत है।
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आज के लिए इतना ही काफ़ी है अगली पोस्ट में आगे की बात करेंगे आप बने रहिये #पाठकपुराण के साथ #कोरोना_और_जीवन पर चर्चा करने के लिए बहुत बहुत स्वागत है आपका।
भारत चीन विवाद

देश बड़े नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के साथ पड़ोसी मुल्क़ भी दुश्मनी को हवा दे रहे हैं। सीमा पर हमारे 20 जवान शहीद हो गए बहुत दुःख हुआ और मन में आक्रोश जाग गया। विचलित मन बस कहे जा रहा है चीन को जबाब दो। हे भारत । चीन को जबाब दो। बातें करने का वक़्त नहीं है। एकाध बार गलती हो जाए तो बात करके मसले को सुलझाया जा सकता है लेकिन जानबूझकर किए गए उलंघन के लिए दण्ड देना अनिवार्य होना चाहिए। ये दौर कमज़ोर होने का बिल्कुल नहीं है। हमारा नेतृत्व और हम सभी देशवासियों को घात लगाकर बैठे भीतर और बाहर के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। कोरोना से निपटने के लिए सोशलडिस्टेंस की पालना,मास्क,सेनेटाइजर और स्वतः जागरूक होकर सजग हो जाना है। क्योंकि अब अगर लापरवाही बरती गई तो बड़े नुकसान होंगे।
मैं युद्ध का बिल्कुल भी पक्षधर नहीं हूँ किन्तु गुजरे कुछ दशकों से भारत की उदारवादी नीतियों का मज़ाक बनते देखता हूँ तो खून में उबाल आता है। हमें दुनिया के सामने कुछ नही कर सकने वाली इमेज को बदलना होगा। आज वक़्त भी चाहता है कि युद्ध हो।
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कोरोना महामारी आने से पहले अपने कई मित्रों से बात करते समय मैंने उनको बोला कि वक़्त युद्ध चाहता है। इसी बात को लेकर वो मुझसे लड़पडे। कैसे सोचता हो? तुम्हें दुःख दर्द नहीं मालुम! कभी सैनिक का दर्द नहीं देखा। घर में से कोई फ़ौज में नहीं होगा जैसी बातें ख़ूब सुनाई गयीं। उस दौरान विश्वयुद्ध होने की संभावनाएं भी जाग्रत हुईं लेकिन वह टल गया। अच्छा हुआ। अभी खबरों में यह बात चल ही रही थी कि चीन में कोरोना का ताण्डव शुरू हो गया। धीरे धीरे करके यह ताण्डव पूरे विश्व में फैल गया आज तक हम मासूम और निर्दोष लोगों की ज़िन्दगी को सिमटते हुए देख रहे हैं।
कल इसी समय तक कोरोना से मौतों की संख्या 9911 थी और कुल संक्रमण 343091 लोगों को हुआ जो अभी बढ़कर 354065 हो गया है और मरने वालों की संख्या- 11903 हो गई है।
फ़िलहाल हमें कोरोना के नियंत्रण पर ध्यान देने की जरूरत है।
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आज के लिए इतना ही काफ़ी है अगली पोस्ट में आगे की बात करेंगे आप बने रहिये #पाठकपुराण के साथ #कोरोना_और_जीवन पर चर्चा करने के लिए बहुत बहुत स्वागत है आपका।

ये दौर कमज़ोर होने का बिल्कुल नहीं है। हमारा नेतृत्व और हम सभी देशवासियों को घात लगाकर बैठे भीतर और बाहर के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। कोरोना से निपटने के लिए सोशलडिस्टेंस की पालना,मास्क,सेनेटाइजर और स्वतः जागरूक होकर सजग हो जाना है। क्योंकि अब अगर लापरवाही बरती गई तो बड़े नुकसान होंगे। मैं युद्ध का बिल्कुल भी पक्षधर नहीं हूँ किन्तु गुजरे कुछ दशकों से भारत की उदारवादी नीतियों का मज़ाक बनते देखता हूँ तो खून में उबाल आता है। हमें दुनिया के सामने कुछ नही कर सकने वाली इमेज को बदलना होगा। आज वक़्त भी चाहता है कि युद्ध हो। : कोरोना महामारी आने से पहले अपने कई मित्रों से बात करते समय मैंने उनको बोला कि वक़्त युद्ध चाहता है। इसी बात को लेकर वो मुझसे लड़पडे। कैसे सोचता हो? तुम्हें दुःख दर्द नहीं मालुम! कभी सैनिक का दर्द नहीं देखा। घर में से कोई फ़ौज में नहीं होगा जैसी बातें ख़ूब सुनाई गयीं। उस दौरान विश्वयुद्ध होने की संभावनाएं भी जाग्रत हुईं लेकिन वह टल गया। अच्छा हुआ। अभी खबरों में यह बात चल ही रही थी कि चीन में कोरोना का ताण्डव शुरू हो गया। धीरे धीरे करके यह ताण्डव पूरे विश्व में फैल गया आज तक हम मासूम और निर्दोष लोगों की ज़िन्दगी को सिमटते हुए देख रहे हैं। कल इसी समय तक कोरोना से मौतों की संख्या 9911 थी और कुल संक्रमण 343091 लोगों को हुआ जो अभी बढ़कर 354065 हो गया है और मरने वालों की संख्या- 11903 हो गई है। फ़िलहाल हमें कोरोना के नियंत्रण पर ध्यान देने की जरूरत है। : आज के लिए इतना ही काफ़ी है अगली पोस्ट में आगे की बात करेंगे आप बने रहिये #पाठकपुराण के साथ #कोरोना_और_जीवन पर चर्चा करने के लिए बहुत बहुत स्वागत है आपका। #शुभसंध्या